Australian News Today

The mood in India: Complacency and anxiety, but this battle will decide the series

The mood in India: Complacency and anxiety, but this battle will decide the series

How then did Rishabh Pant get through immigration and customs? If there’s a pest for Australia, it is this intrepid keeper-batter, who has turned games on their heads with his irreverent, audacious batting. He is a lovable pest too, especially behind the stumps where his constant words of encouragement to the bowlers and fielders is couched in sly digs at the batter. This is a huge source of entertainment to the viewers since there’s no malice nor foul words, but just non-stop banter.

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In the bowling how Jasprit Bumrah bowls will be decisive. Mohammed Siraj and Akash Deep can be good foils, but the battering ram will be Bumrah. His battle against Usman Khawaja and Steve Smith will be fascinating to see. Ravindra Jadeja is likely to get the nod over Ravi Ashwin if India decide to bolster their batting with Dhruv Jurel at seven down.

India have traditionally been slow starters, often losing the first Test. This being a five Test-series gives them a good chance to get back after that initial loss. They have the experience of the previous tour to lift them up. There was Ravi Shastri, the then-coach, who got them up and running and then achieve the impossible at the Gabba.

Will Gautam Gambhir be Gambhir (serious) at Sydney, or will he be smiling? Can’t wait to find out.

Sunil Gavaskar played 125 Tests for India and scored 10,122 runs. He will commentate the Border-Gavaskar series for Channel Seven.


Translation by Supratim Adhikari

क्रिकेट की दुनिया में हर टेस्ट सीरीज़ की शुरुआत बड़ी उम्मीदो की घरी होती है, और जब मुक़ाबला दुनिया के दो दमदार टीमों के बीच हो तो उम्मींदे और शंशय दोंनो बर जाते हैं.

मगर इस उल्हास के साथ साथ, भारतिय क्रिकेट प्रेमियों को काफी चिंता भी होगी, खासकर जब ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी पड़ोसी न्यूजीलैंड ने हालही में भारत को तीन टेस्टो में बुरी तरह हराया.

अब टीम इंडिया ने अपना रास्ता और भी कठीण कर लिया है, क्यों की उसने घरेलू मैदान में खेले गए पिचले पांच टेस्ट मैचों में से एक भी पिंक बॉल टेस्ट नहीं खेला हे. शायद यह अति आत्मविश्वास या आत्मसंतुष्टि थी या फिर क्रिकेट संबंधी सोच का अभाव.

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: अब मुक़ाबला दुनिया के दो दमदार टीमों के बीच शुरू होगा. Credit: Getty Images

न्यू ज़ीलैण्ड के हाथो इतनी विंनाशकारी हार के बाद यह महत्वपूर्ण था कि टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर एकजुट होकर प्रदर्शन करे. इसके बजाय, खिलाड़ी अलग-अलग से आये हैं और कप्तान ने तो घर पर बच्चों की देखभाल करने का विकल्प चुना है.

इसके अलावा पर्थ में पहले टेस्ट से पहले अभ्यास मैच का रद्द होना मेरे जैसे भारतीय क्रिकेट के सबसे उत्साही समर्थकों को ज्यादा आशावाद से नहीं भर रहा है. बेशक, यह टीम प्रतिभा से भरपूर है और जैसा कि हमने पिछले दौरों पर देखा था, भारत के युवा खिलाड़ी पिछले कुछ दौरों का बदला लेने पर आमादा ऑस्ट्रेलियन टीम के खिलाफ मोर्चा संभालने में पूरी तरह सक्षम हैं.

लेकिन एक नई ओपनिंग बल्लेबाजो की जोड़ी, और बल्लेबाजों के पास बीच में मूल्यवान समय की कमी, भारत के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती पेश करती है.

हमेशा की तरह बहुत कुछ विराट कोहली पर निर्भर करेगा. ऑस्ट्रेलिया में उनका रिकॉर्ड अविश्वसनीय है और न्यूजीलैंड के खिलाफ रन नहीं बना पाने के कारण वह उसकी भरपाई करने के लिए भूखे होंगे।

ऑस्ट्रेलिया का माहौल, पिच के बीचोबीच और उसके बाहर, विराट कोहली का हौसला बराते है, और इस सीरीज में हमें पता लग जायेगा की उनमे रन बनाने का कितना जुनून बाकि है.

ऑस्ट्रेलिया का माहौल, पिच के बीचोबीच और उसके बाहर, विराट कोहली का हौसला बराते है, और इस सीरीज में हमें पता लग जायेगा की उनमे रन बनाने का कितना जुनून बाकि है.Credit: AP

ऑस्ट्रेलिया का माहौल, पिच के बीचोबीच और उसके बाहर, विराट कोहली का हौसला बराते है, और इस सीरीज में हमें पता लग जायेगा की उनमे रन बनाने का कितना जुनून बाकि है.

जबकि वह सभी टेस्ट में बड़े रन बनाना चाहेंगे, वह गाबा में शतक बनाने के लिए बेहद उत्सुक होंगे ताकि वोह पांच ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट मैदानों पर शतक बनाने वाले एकमात्र तीन विदेशी बल्लेबाजों के लिस्ट में शामिल हो जाए. इस लिस्ट के दो मौजूदा बल्लेबाज़ में और इंग्लैंड के अलीस्टेयर कुक है.

ऑस्ट्रेलिया में उतरने से ठीक पहले विमान में आपको हंमेशा एक वीडियो दिखाया जाता है जिसमें आने वाले यात्रियों को बताया जाता है कि वे ऑस्ट्रेलिया में क्या ला सकते हैं और क्या नही.

जैसा कि यह वीडियो हमें बताता है, यह सूचना कीटों और बीमारियों को रोकने के लिए है. मगर सोचने की बात यह है की, इतनी करि पाबन्दी होने के बावजूद भी ऋषभ पंत कैसे ऑस्ट्रेलिया में आ पहोचे?

यदी ऑस्ट्रेलियन टीम के लिए कोई घातक बन सकता है तो वह यह निडर कीपर बल्लेबाज है, जिसने अपनी साहसी बल्लेबाजी से कई बार खेल का रुख पलट दिया है। बल्लेबाज़ी के साथ, पंत विकेट्स के पीछे भी बड़े जोरदार है। वोह गेंदबाजों और क्षेत्ररक्षकों को प्रोत्साहित तो करते ही हैं मगर वोह बल्लेबाजों को अपने धूर्त कटाक्षों से नहीं छोड़ते.

यह दर्शकों के लिए मनोरंजन का एक बड़ा स्रोत है क्योंकि इसमें कोई द्वेष नहीं है और न ही गंदे शब्द हैं, बल्कि सिर्फ नॉन-स्टॉप मजाक है.

गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन निर्णायक होगा. वैसे तो सिराज और आकाशदीप अच्छे खिलाडी है मगर दोनों नाकाम भी साबित हो सकते है, इसलिए काफी हद तक विकेट लेनी की जिम्मेदारी बुमराह पर होंगी.

उस्मान ख्वाजा और स्टीव स्मिथ के खिलाफ उनकी लड़ाई काफी दिलचस्प होगी। अगर भारत 7वें नंबर पर ज्यूरेल के साथ अपनी बल्लेबाजी को मजबूत करने का फैसला करता है तो अश्विन के मुकाबले जडेजा को मौका मिलने की संभावना है.

भारत ज्यादातर धीमी शुरुआत करता है और अक्सर पहला टेस्ट हारता है, यह पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला होने के कारण उन्हें शुरुआती हार के बाद वापसी करने का अच्छा मौका मिलेगा. उन्हें ऊपर उठाने के लिए पिछले दौरे का अनुभव है। तत्कालीन कोच रवि शास्त्री थे, जिन्होंने उन्हें आगे बढ़ाया और फिर गाबा में असंभव को कर दिखाया.

क्या गौतम गंभीर सिडनी में गंभीर होंगे या मुस्कुरा रहे होंगे? यह जानने के लिए हम सब अब बेसब्री से इंतज़ार कर रहे है.